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शहरी और क्षेत्रीय सूचना प्रणाली

शहरी और क्षेत्रीय सूचना प्रणाली (यूआरआईएस) प्रभाग टीसीपीओ के प्रभागों में से एक है और इसने कई प्रतिष्ठित परियोजनाओं और योजनाओं जैसे राष्ट्रीय शहरी सूचना प्रणाली (एनयूआईएस) को संभाला है। यूआरआईएस के विकास की जरूरत सत्तर के दशक के अंत में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्‍य नगर नियोजकों के वार्षिक सम्मेलन में व्यापक ढ़ंग से औपचारिक रूप में व्यक्त की गई। तब से टीसीपीओ यूआरआईएस और संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने और उनके विकास में लगा हुआ है। इस प्रणाली के लिए डेटा की जरूरत को पहचानने और इसे लागू करने के तरीकों और साधनों का सुझाव देने के लिए 1979 में एक संचालन दल स्थापित किया गया। इस दल ने दो रिपोर्टे प्रस्‍तुत कीं, जिसमें से एक शहरी और दूसरी क्षेत्रीय सूचना प्रणाली पर थी। इन रिपोर्टों के आधार पर प्रणाली विश्लेषण पर दो पायलट अध्ययन किए गए। टीसीपीओ द्वारा प्रदान की गई वित्‍तीय सहायता और तकनीकी मार्गदर्शन के अंतर्गत संबंधित राज्‍य नगर नियोजन विभागों की सहायता से पहला पायलट अध्‍ययन चंगलपट्टु (तमिलनाडु) और दूसरा आनंद (गुजरात) का किया गया। टीसीपीओ ने यूआरआईएस पर बहुत से प्रशिक्षण कार्यक्रम/सेमिनार का आयोजन भी किया। शहरी एवं क्षेत्रीय सूचना प्रणाली के विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र परामर्शदाता श्री कॉइनर ने 1977 और डॉ. कार्टराईट ने 1985 में अध्ययन दौरा किया।

राष्ट्रीय शहरीकरण आयोग (एनसीयू) ने भी यूआरआईएस के विकास के लिए कई बार सिफारिशें कीं और केस अध्ययन, अनुसंधान कार्यक्रमों के समन्वय और शहरी परिवेश की निगरानी के लिए आवश्यक डेटाबेस के सृजन के माध्यम से इसके कार्यान्वयन के लिए कार्यनीतियों का सुझाव दिया। इन पहलुओं को ध्‍यान में रखते हुए, टीसीपीओ ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर यूआरआईएस के विकास के लिए एक व्यापक प्रस्ताव बनाया। यूआरआईएस के क्षेत्रों में टीसीपीओ द्वारा किए गए कार्य को देखकर, मंत्रालय ने टीसीपीओ में राष्ट्रीय शहरी वेधशाला बनाने का फैसला किया।

शहरी और क्षेत्रीय सूचना प्रणाली के विकास में टीसीपीओ के अद्वितीय प्रयासों को स्वीकार करते हुए, योजना आयोग ने मंत्रालय को मार्च 2006 में राष्ट्रीय शहरी सूचना प्रणाली (एनयूआईएस) योजना शुरू करने की सिफारिश की, जो देश में 152 शहरों/नगरों के लिए दो पैमानों, अर्थात उपग्रह चित्रों का उपयोग करके 1:10000 और हवाई फोटोग्राफी का उपयोग करके 1:2000, पर जीआईएस डाटाबेस विकसित करने के लिए है। यूआरआईएस प्रभाग ने एनयूआईएस योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया और यह योजना मार्च 2017 में पूरी हो गई।

शहरी और क्षेत्रीय सूचना प्रणाली को आगे ले जाते हुए, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने '500 अमृत शहरों हेतु जीआईएस-आधारित मास्‍टर प्‍लान को तैयार करने पर उप-योजना' शुरू की है, जिसे यूआरआईएस प्रभाग के माध्यम से टीसीपीओ द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। उप-योजना का उद्देश्य जीआईएस सक्षम प्‍लेटफार्म के माध्यम से मास्टर प्लान तैयार करना है। उप-योजना के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ अत्यधिक हैं।

यूआरआईएस प्रभाग टीसीपीओ, भारत सरकार और सिंगापुर कोपरेशन इंटरप्राइज (एससीई), सिंगापुर सरकार के बीच शहरी योजना और प्रशासन पर नवंबर 2015 में हस्ताक्षरित अंतर्राष्ट्रीय समझौता ज्ञापन के सफल कार्यान्वयन पर भी गर्व महसूस करता है। प्रभाग ने दो वर्षों के दौरान योजनाबद्ध तरीके से चार बार में केंद्र और राज्य सरकार के 99 अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए भारत सरकार, राज्‍य/केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकार और सिंगापुर सरकार के साथ समन्‍वय स्‍थापित किया।

तकनीकी कार्य के अलावा प्रभाग कार्यालय प्रशासन, आईटी सुविधा का प्रबंधन और भण्‍डारण विभाग, चिकित्सा प्रतिपूर्ति समिति, कार्यस्थल पर महिलाओं के उत्पीड़न की रोकथाम समिति में प्रतिनिधित्‍व और समय-समय पर सौंपे गए अन्य कार्यों में भी योगदान देता है। यह प्रभाग टीसीपीओ में शहरी और क्षेत्रीय योजना के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग (स्पेस टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन) सेल, वेबसाइट अद्यतन और रखरखाव तथा अब टीसीपीओ में ई-ऑफिस के कार्यान्‍वयन में सहायक है।

वर्तमान में, यूआरआईएस प्रभाग का नेतृत्व नगर एवं ग्राम नियोजक द्वारा किया जा रहा है और दो सहायक नगर एवं ग्राम नियोजक, पांच अनुसंधान सहायक, तीन योजना सहायक और एक अन्वेषक द्वारा उन्‍हें सहायता प्रदान की जा रही है।

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