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योजनाएं और परियोजना

स्‍थानीय क्षेत्र योजना (एलएपी) और नगर नियोजन योजनाओं (टीपीएस), (2018) के निर्माण पर पायलट परियोजना।

यह अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन के अंतर्गत एक उप-योजना है। इस योजना का लक्ष्य 25 राज्यों/शहरों में पायलट आधार पर स्थानीय क्षेत्र योजनाओं (एलएपी) और नगर नियोजन योजनाओं (टीपीएस) को तैयार करने में सहायता करना और इस तरह के नियोजन कार्यों के लिए स्थानीय क्षमता का निर्माण करना है। इसलिए राज्य नियोजन निकायों से नियोजित शहरी विकास की चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने नगरों और शहरों के बाकी हिस्सों में इस पायलट परियोजना के बाद अपने दम पर इस कार्य को करने में सक्षम होने की आशा की जाती है।

सभी अमृत नगरों और शहरों के लिए ऑनलाइन भवन निर्माण अनुमति प्रणाली (ओबीपीएस), (2018)।

दिल्ली नगर निगम और ग्रेटर मुंबई नगर निगम द्वारा लागू ओबीपीएस प्रणाली के "तृतीय पक्ष लेखापरीक्षा (थर्ड पार्ट ऑडिट)" के अनुरूप, प्रभाग कार्यान्वयन में सफलता की बदलती डिग्री के साथ 9 राज्यों में ओपीबीएस को लागू करने से शुरू करके, जारी किए गए ओबीपीएसएस दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी 500 अमृत नगरों में ओबीपीएस के कार्यान्‍वयन की समीक्षा और निगरानी कर रहा है।

स्मार्ट सिटी मिशन (केंद्रीय योजना), 2015 - स्मार्ट सिटी मिशन की निगरानी

प्रभागाध्‍यक्ष को स्मार्ट सिटी अहमदाबाद लिमिटेड (एससीएएल) के निदेशक मंडल में "नामित निदेशक" के रूप में नामित (जो आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय का प्रतिनिधित्व भी करता है) किया गया है और अहमदाबाद में उक्त मिशन के अंतर्गत कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं की निगरानी करता है।

7 मेगा शहरों के आसपास सैटेलाइट नगरों हेतु शहरी अवसंरचना विकास योजना (यूआईडीएसएसटी) - एक पायलट योजना (2010)

मुंमुंबई, कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, बैंगलोर और अहमदाबाद जैसे मेगा शहरों में आर्थिक गतिविधियों और जनसंख्या के संकेंद्रण ने आवश्यक बुनियादी सुविधाओं पर जबरदस्त दबाव पैदा किया और ये सेवाओं के वितरण को प्रभावित कर रहे थे। समस्याओं की ओर अग्रसर अवसंरचना, सुविधाओं और सुख-सुवि‍धाओं हेतु मांग और इन शहरों पर बोझ कम करने के लिए गतिविधियों के विकेंद्रीकरण की बढ़ती आवश्यकता पैदा करने की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि के साथ शहरों का प्रबंधन अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया था। इसलिए, 65 भारतीय शहरों में चल रहे जेएनएनयूआरएम कार्यान्वयन के अलावा, तत्कालीन शहरी विकास मंत्रालय ने 7 मेगा शहरों के आसपास यूआईडीएसएसटी की प्रमुख योजना शुरू की थी। 7 सैटेलाइट नगरों को इस योजना के अंतर्गत शामिल किया गया, अर्थात् पिलखुवा और सोनीपत (दिल्ली के पास), साणंद (अहमदाबाद के पास), वसई-विरार (मुंबई के पास), विकाराबाद (हैदराबाद के पास), श्रीपेरंबुदूर (चेन्नई के पास) और होसकोटे  (बेंगलुरु के पास)।

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