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सिंगापुर

सिंगापुर में 'शहरी नियोजन और शासन के क्षेत्र में क्षमता निर्माण' पर अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

नगर एवं ग्राम नियोजन संगठन (टीसीपीओ), भारत सरकार और सिंगापुर कोपरेशन एंटरप्राइज (एससीई), सिंगापुर सरकार के बीच शहरी नियोजन और शासन के क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए अंतर्राष्ट्रीय समझौता ज्ञापन पर नवंबर 2015 में भारत के माननीय प्रधान मंत्री द्वारा उनकी सिंगापुर यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। समझौता ज्ञापन में केंद्र और राज्य सरकार के 100 पदाधिकारियों को दो वर्ष की अवधि में सिंगापुर में पच्‍चीस पदाधिकारप प्रत्येक के चार बैचों में प्रशिक्षण देने का अधिदेश है।

उपरोक्त समझौता ज्ञापन के अनुसरण में, विदेश मंत्रालय, सिंगापुर सरकार ने कार्यक्रम को क्रियान्वित करने के लिए सेंटर फॉर लिवेबल सिटीज (सीएलसी) को नियुक्त किया है। तदनुसार, केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों को शामिल करते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम के चार बैच का आयोजन किया गया है अर्थात् 12 से 16 सितंबर 2016 के दौरान पहला बैच, 28 नवंबर से 02 दिसंबर 2016 के दौरान दूसरा बैच, 24 से 28 अप्रैल 2017 के दौरान तीसरा बैच और 14 से 18 अगस्त 2017 के दौरान चौथा और अंतिम बैच। कुल 99 अधिकारी अर्थात केंद्र सरकार के 37 प्रतिभागि‍यों और राज्य सरकारों के 62 प्रतिभागि‍यों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया है। कुल 99 प्रतिभागियों में से 21 प्रशासक (आईएएस और आईपीएस) थे, 56 नगर नियोजक थे और 22 संयुक्‍त सचिव, अवर सचिव, उप-सचिव, निदेशक, इंजीनियर आदि थे।

अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को बड़ी सफलता मिली है और मेजबान देश के साथ-साथ भारत के प्रतिभागियों से भी इसे बहुत सराहना मिली है। माननीय प्रधान मंत्री, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय और टीसीपीओ की टीम के अपार समर्थन के कारण ही अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की पूरी श्रृंखला को समय पर पूरा किया जा सका।

प्रशिक्षण कार्यक्रम की सामग्री गहन और व्‍यापक दोनों थी जो भारत में सामना की जाने वाली शहरी चुनौतियों पर केंद्रित थी। पाठ्यक्रम को टीसीपीओ और एससीई/सीएलसी के अधिकारियों द्वारा विभिन्न स्तरों पर आपसी चर्चा और बातचीत के माध्यम से व्यापक रूप से डिजाइन किया गया था। समझौता ज्ञापन के अनुसार, एक सप्ताह के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए 'शहरी नियोजन और शासन' के दायरे में आने वाले विषय थे - शहरी शासन और एकीकृत मास्टर योजना, शहरी डिजाइन और संरक्षण, शहर को वित्तपोषण, भूमि बिक्री और प्रबंधन, परिवहन योजना, भू उपयोग और परिवहन योजना में जीआईएस का प्रयोग, आवास, शहरी हरियाली, जल, विकास नियंत्रण, सिंगापुर में औद्योगिक अवसंरचना। व्याख्यान अत्यधिक शिक्षाप्रद थे और सिंगापुर में काम करने वाले अत्यंत शिक्षित प्रमुख पेशेवरों द्वारा दिए गए थे।

कार्यक्रम को सीएलसी अध्येताओं, विशेषज्ञों और संसाधन व्यक्तियों द्वारा सुगम बनाया गया था। कार्यक्रम में उपयोग किए जाने वाले सूत्रधारों (फैसिलिटेटर) को उनकी वरिष्ठता, सिंगापुर के शहरी विकास को सक्षम बनाने में भूमिका, अन्य शहर के संदर्भों में सिंगापुर के अनुभव के आधार पर शहरी समाधानों को क्रियान्वित करने में अनुभव और बड़े पैमाने पर शहरी विकास से संबंधित प्रमुख क्षेत्रों में उनकी विशेषज्ञता के आधार पर चुना गया था। वे पूर्व और वर्तमान वरिष्ठ सिविल सेवक हैं जिन्होंने सिंगापुर की सरकारी एजेंसियों में प्रमुख पदों पर कार्य किया है और सिंगापुर के 'शहरी परिवर्तन' को सक्षम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इन व्याख्यान श्रृंखलाओं के बाद साइट का दौरा/सीखने की यात्राएं हुईं। सिंगापुर में प्रवास के दौरान, प्रतिभागियों ने सिंगापुर सिटी गैलरी, रिवर फ्रंट, बिशन एमक पार्क, एचडीबी-टोआ पायोह, ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन संयंत्र, जल शोधन संयंत्र और गार्डर्स बाय द बे का दौरा किया। अक्सर इन यात्राओं में इंजीनियर, सामाजिक कार्यकर्ता, नागरिक साथ होते थे जिन्होंने वास्तव में जमीन पर काम किया है और सिंगापुर को एक शहर बनाने में सहातया की है। ये सीखने की यात्राएं प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रमुख पहलू हैं और सभी प्रतिभागियों को सिंगापुर के अद्भुत शहर का अनुभव करने के लिए एक खिड़की प्रदान करती हैं।

प्रशिक्षण कार्यक्रम की एक अन्य प्रमुख विशेषता 'कार्य योजना चर्चा' थी। प्रत्येक प्रतिभागी की भागीदारी और कम से कम एक शहरी समस्या को संबोधित करने के लिए चर्चा श्रृंखला को विशेष रूप से पाठ्यक्रम में एकीकृत किया गया था। इन सत्रों के दौरान, प्रत्येक प्रतिभागी ने प्रमुख शहरी मुद्दों पर प्रकाश डाला जो वह अपने कार्य क्षेत्र में सामना कर रहे थे और सिंगापुर के संकायों के परामर्श से इसके लिए एक 'कार्य योजना' तैयार करनी थी। इन कार्य योजनाओं पर समूहों में चर्चा की गई। बाद में प्रत्येक समूह ने अंतिम दिन सभी को प्रस्तुति दी, जो प्रशिक्षण कार्यक्रम का परिणाम भी था।

अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सिंगापुर की फर्मों के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करने और अपनी विशेषज्ञता, ज्ञान और प्रौद्योगिकी को पेश करने का एक अवसर भी था। औपचारिक नेट-वर्किंग लंच सत्र के दौरान सिंगापुर के विशेषज्ञों/कंपनियों के साथ बैठक उपयुक्त रूप से बुलाई गई थी। कार्यक्रम के अंत में प्रत्येक प्रतिभागी को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। समापन सत्र उच्चायोग, भारत सरकार, महानिदेशक, एमएफए, सिंगापुर सरकार, कार्यकारी निदेशक और अन्य सीनियर फेलो, विशेषज्ञ और सीएलसी के सदस्यों की उपस्थिति में आयोजित किया गया।

कुल मिलाकर, प्रशिक्षण कार्यक्रम सफल रहा जिसमें प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में सामग्री और वक्ताओं के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की। विभिन्न सत्रों के लिए सीएलसी और वक्ताओं के साथ घनिष्ठ संचार ने सुनिश्चित किया कि प्रतिभागी शहरी मामलों में तकनीकी अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में सक्षम थे, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात सिंगापुर में शहरी नियोजन और शासन के लिए एकीकृत, व्यवस्थित दृष्टिकोण में अंतर्दृष्टि रही है। प्रतिभागियों ने शहरी विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शित होने की भी सराहना की, जो आंतरिक (इनडोर) व्याख्यान और बाहरी सीखने की यात्रा दोनों में 'सिंगापुर के परिवर्तन' को प्रभावित करने में साक्षी रहे और इसमें शामिल रहे। उन्होंने विशेष रूप से नियोजन संबंधी मुद्दों से निपटने के लिए बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण की सराहना की।

समझौता ज्ञापन समय पर लागू किया गया है और इसे हमेशा भारत-सिंगापुर संबंधों के निर्माण में एक बेंचमार्क के रूप में संदर्भित किया जाएगा। संपूर्ण टीसीपीओ टीम और सभी प्रतिभागी सिंगापुर में शहरी नियोजन और शासन के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए माननीय प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण के लिए उनके आभारी हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का अनुभव और लाभ लंबे समय तक चलने वाला है। विभिन्न पदों पर कार्यरत 100 केंद्र/राज्य सरकार के अधिकारियों की क्षमता निर्माण को बढ़ाने में यह पूरी टीसीपीओ टीम के लिए सीएलसी और एससीई के साथ मिलकर काम करने का एक शानदार अवसर था।

सिंगापुर में "शहरी नियोजन और शासन" पर सिंगापुर प्रशिक्षण कार्यक्रम से सीखने का अनुभव

क्र.सं. शामिल विषय सिंगापुर अनुभव साझा करना सिंगापुर से सीखे सबक विकास कार्यनीतियाँ / आगे का रास्ता
1 सीएलसी रहने की योग्‍यता का ढ़ाचा (लिवेबिलिटी फ्रेमवर्क) और शहरी शासन श्री माइकल कोहो अध्‍येता सेंटर फॉर लिवेबल सिटीज द्वारा सिंगापुर की शहरी परिवर्तन यात्रा और रहने योग्य शहर के लिए शहरी नियोजन का योगदान।एक जटिल और गतिशील अनुकूली प्रणाली में शासन की भूमिकाशहरी विकास में दूरदर्शी नेतृत्व का महत्व पोर्ट सिटी से इंडस्ट्रियल सिटी फिर बिजनेस हब में बदलने का सिंगापुर का अनुभव।
गतिशील शहरी शासन पर आधारित  सीएलसी लिवेबिलिटी फ्रेमवर्क की समझ और एकीकृत मास्टर योजना द्वारा समर्थित, जिसके परिणामस्वरूप जीवन की उच्च गुणवत्ता, सुस्थिर वातावरण और प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था है।
शहरी वातावरण, अर्थव्यवस्था और जीवन की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए सीएलसी लिवेबिलिटी फ्रेमवर्क बहुत ही व्यावहारिक और  समय की आवश्यकता है। जब तक दूरदर्शी नेतृत्व/राजनीतिक इच्छाशक्ति, जन समर्थन और तकनीकी विशेषज्ञता न हो, तब तक वांछित परिणाम प्राप्त नहीं किए जा सकते।
डिजीटल भूमि अभिलेखों के साथ जीआईएस प्लेटफॉर्म पर सभी नगरों/शहरों के लिए एकीकृत मास्टर प्लान तैयार करना।
बिना समयोपरि और अधिक लागत के योजनाओं और कार्यक्रमों का समय पर कार्यान्वयन।
2 एकीकृत मास्टर योजना
श्री  माइकल कोहो 
अध्‍येता
सेंटर फॉर लिवेबल सिटीज द्वारा
लंबी अवधि की योजना के लिए एकीकृत प्रणाली दृष्टिकोण और शासन और योजना प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही का महत्व।
संस्था की भूमिका को बदलने के लिए प्रभावी निष्पादन, लचीलापन और गतिशीलता।
वर्तमान चुनौतियों और सार्वजनिक परामर्श को पहचानें
मास्टर प्लान निर्माण और कार्यान्वयन पेशेवर रूप से किया जाता है।
सिंगापुर की अवधारणा योजना (कॉन्सेप्ट प्लान) और मास्टर प्लान के लक्ष्यों को लागू करने और हासिल करने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों के बीच निर्बाध समन्वय।
सिंगापुर सरकार द्वारा विजन, नीतियों और कार्यक्रमों का मजबूत कार्यान्वयन। (जैसे सड़कों पर कारों को सीमित करना, ईआरपी, आदि)
तनाव परीक्षण/वहन क्षमता परीक्षण के माध्यम से मास्टर प्लान का लचीलापन देखना और नियमित निगरानी करना।
शहरों को अधिक प्राकृतिक, सुंदर और नागरिक केंद्रित बनाने के लिए ग्रीन और ब्लू प्लानिंग दृष्टिकोण।
वहन क्षमता परीक्षण के अनुसार मास्टर प्लान तैयार करना।
शहर के प्रमुख चालकों की पहचान करना और उसके लिए विजन/लक्ष्य निर्धारित करना।
स्‍थान की गुणवत्ता बढ़ाने और शहर को कुछ सौंदर्य/पर्यावरण मूल्य वापस देने के लिए स्‍थान, प्रतिष्ठित टावरों, ग्रीन बिल्डिंग के विकास या किसी अन्य 'आउट ऑफ बॉक्स' समाधान के लिए विकासकर्ताओं/प्रोमोटरों को प्रोत्साहन प्रदान करना। 
महानगरों/क्षेत्रों में शहरी केंद्रों के विकास के लिए योजना/रणनीति तैयार करना। यह संसाधन जुटाने को इष्‍टतम करेगा और विभिन्न क्षेत्रीय अवसंरचना को बढ़ावा देगा।
3 सिंगापुर रिवर लर्निंग जर्नी पर वार्ता
श्री लोह आह तुआन सीएलसी विशेषज्ञ पैनल द्वारा 
सिंगापुर नदी को प्रदूषण मुक्त और नदी के सामने विकास करने का अनुभव साझा करना। परियोजना को धरातल पर क्रियान्वित करने के लिए दूरदृष्टि, राजनीतिक इच्छाशक्ति और पेशेवरों की समर्पित टीम की आवश्यकता।
नदी को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए जन जागरूकता।
नियोजन, डिजाइन और उपयोग के माध्यम से शहरी नवीकरण और कायाकल्प के लिए नदियों, नहरों और अन्य जल निकायों को संसाधन के रूप में अं‍तरित करने का दृष्टिकोण।
शहर की छवि/पहचान के रूप में नदी किनारे शहरी विकास।
4 शहरी डिजाइन दिशानिर्देश
श्री माइकल कोहो 
अध्‍येता
सेंटर फॉर लिवेबल सिटीज द्वारा
शहरी डिजाइन इरादे जो विभिन्न नियोजन क्षेत्रों के लिए दिशानिर्देशों में अंतरित किए गए हैं।
आसपास के शहरी पर्यावरण के साथ एकीकृत करने और निर्मित पर्यावरण की विशेषताओं को बढ़ाने के लिए यूडी दिशानिर्देशों का महत्व।
सिंगापुर रिवर प्रोमेनेड/मरीना बे का शहर के जलाशय, मनोरंजक और वाणिज्यिक केंद्र के रूप में विकास।
भूमि से विकास के दबाव को दूर करने के लिए ऊंची (हाई राइज) और प्रतिष्ठित इमारतों का विकास इस प्रकार सुस्थिर रहने योग्य वातावरण के साथ छोटे सघन (कॉम्पैक्ट) शहर को आकार देना।
बिजली की आपूर्ति के लिए कोई ओवरहेड केबल या बिल्डिंग के शीर्ष पर मोबाइल टावर नहीं होना इससे निर्मित वातावरण को सुरक्षित और सुंदर बनाना।
प्रत्येक सड़क पर निरंतर ढके हुए पैदल मार्ग और नेटवर्क की कनेक्टिविटी।
पार्कों, ऊंची इमारतों, स्मारकों आदि में रात्रि प्रकाश व्यवस्था के लिए दिशानिर्देश।
अग्रभाग (फसाड) उपचार, रोड साइनेज, विज्ञापन आदि के लिए दिशानिर्देश।
भूमि के कुशल उपयोग के लिए ऊंची इमारतों, प्रतिष्ठित टावरों और रहने तथा काम करने के माहौल की उच्च गुणवत्ता को बढ़ाने के द्वारा सघन (कॉम्पैक्ट) शहर को बढ़ावा देना।
शहर को सुरक्षित और दर्शनीय बनाने के लिए पानी, बिजली, स्वच्छता, जल निकासी, टेलीफोन की भूमिगत सेवाओं और अन्य सेवाओं को बढ़ावा देना। 
आवास, औद्योगिक क्षेत्र या किसी भी अवसंरचना परियोजना के विकास के दौरान 'समन्वय समितियों' की प्रतिनियुक्ति जो अंतर-सरकारी अनुमोदन और समन्वय मामलों को देखती हैं।
शहरी गांवों, पुनर्विकास और पुनर्वास क्षेत्रों, विरासत स्थलों, डाउन टाउन क्षेत्रों, जल निकायों, पार्कों और खेल के मैदान आदि के लिए क्षेत्र विकास योजनाएं।
5 एकीकृत अधिगम यात्रा:
रिवर क्रूज़ - मरीना बे और सिंगापुर रिवर
श्री माइकल कोह, अध्‍येता, सेंटर फॉर लिवेबल सिटीज द्वारा
क्षेत्र का दौरा - क्लार्क क्वे
क्लार्क क्वे सिंगापुर में एक ऐतिहासिक नदी के किनारे का घाट है।
शहर के एक प्रमुख मनोरंजक क्षेत्र के रूप में शहर के क्षितिज (स्‍काइलाइन) को परिभाषित करने के लिए नदी किनारे निर्मित वातावरण का विकास।
परियोजना को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए नदी किनारे वाणिज्यिक और सार्वजनिक अर्ध-सार्वजनिक क्षेत्रों का स्थानिक वितरण।
सार्वजनिक भागीदारी के माध्यम से नदी को प्रदूषण मुक्त बनाना और पर्यटन/मनोरंजक/वाणिज्यिक गतिविधियों के माध्यम से प्रचालन और अनुरक्षण लागत निकालना।
6 विकास नियंत्रण
सुश्री लिम स्वीकेंग 
उप निदेशक (सलाहकार)
सेंटर फॉर लिवेबल सिटीज द्वारा
मास्टर प्लान प्रावधानों के कार्यान्वयन के लिए विकास नियंत्रण विनियम, इष्‍टतम भूमि उपयोग। सिंगापुर के विभिन्न हिस्सों का केस अध्‍ययन जो विभिन्न विकास नियंत्रणों का पालन करते हैं और विभिन्न भवन विशेषताएं बनाते हैं।
सिग्नेचर टावर्स, प्रतिष्ठित इमारतों के लिए विशेष मानदंड।
अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग-अलग इमारत की ऊंचाई - निचले (पानी के सामने, ऐतिहासिक स्थलों, आदि) से उच्च (सीबीडी / शहर के केंद्र) तक।
विकास, पुनर्विकास, संरक्षण, विरासत, विशेष क्षेत्रों आदि के क्षेत्रों को उनकी विशेषताओं के आधार पर पहचानना और इन क्षेत्रों में विभिन्न विकास नियंत्रणों को परिभाषित करना।
क्षितिज (स्‍काइलाइन) , शहरी विशेषताओं और एफएआर के वितरण को परिभाषित करने के लिए शहर की भवन ऊंचाई योजना बनाना।
7 भू उपयोग योजना में जीआईएस का उपयोग
सुश्री पेंग टिंग नियोजक
शहरी पुनर्विकास प्राधिकरण द्वारा
भूमि उपयोग योजना और प्रक्रिया, निर्णय और परिणामों की सहायता के लिए योजना उपकरण के रूप में जीआईएस का अनुप्रयोग एक ऐसे शहर में जीआईएस संस्कृति बनाना जहां हर भूमि पार्सल, भूमि रिकॉर्ड, सार्वजनिक और सामाजिक अवसंरचना, संपत्तियों का मानचित्रण और पंजीकरण किया जाता है।
सीसीटीवी कैमरों, जीआईएस और अन्य तकनीकों जैसे ई-प्लानर, अर्बन सिस्टम डैशबोर्ड, डिजिटल 3डी, क्वांटिटेटिव अर्बन एनवायरनमेंट सिमुलेशन टूल (क्वेस्ट), 3डी ट्रांसपोर्ट मॉडलिंग आदि का गतिविधियों, वाहनों की आवाजाही, सार्वजनिक अवसंरचना आदि की निगरानी के लिए उपयोग ।
मास्टर प्लान तैयार करने और भूमि रिकॉर्ड डेटाबेस आदि को बनाए रखने में जीआईएस का व्यापक उपयोग।
शहर में विभिन्न विकास गतिविधियों के लिए रीयल टाइम डेटा बनाना।
प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्रों, विरासत क्षेत्रों, जल निकायों आदि का डिजिटलीकरण।
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परिवहन और परिवहन नियोजन में जीआईएस का उपयोग
श्री मोहिंदर सिंह सलाहकार
भूमि परिवहन प्राधिकरण द्वारा

श्री जानसेन ली 
एसएनआर प्रिंसिपल ट्रांसपोर्ट प्लानर
भूमि परिवहन प्राधिकरण द्वारा
 

निजी से सार्वजनिक परिवहन में मोडल शिफ्ट प्राप्त करने के लिए सिंगापुर के दृष्टिकोण और मार्गदर्शक सिद्धांतों को साझा करना।
यातायात मांग प्रबंधन और एकीकृत भू उपयोग
अवसंरचनात्‍मक परियोजनाओं में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए नीति तैयार करना
वर्तमान शहरी समाधानों और पहलों पर शोकेस/केस अध्‍ययन
सिंगापुर में 80-90% लोग एचडीबी क्षेत्रों में रहते हैं, जिनकी योजना एमआरटीएस के पास बनाई गई है और इस प्रकार निजी से सार्वजनिक परिवहन में मोडल शिफ्ट के लक्ष्य को प्राप्त किया जा रहा है।
आवासीय पॉकेट से 400 मीटर के भीतर एमआरटीएस तक पहुंच प्रदान करने के लिए एलआरटी की योजना
रिहायशी इलाकों के पास ट्रांसपोर्ट हब बनाना।
सार्वजनिक परिवहन का संचालन निर्माण और प्रचालन (बिल्ड एंड ऑपरेट - बीओ) प्रणाली पर आधारित है। एमआरटीएस, एलआरटी, बसें आदि की योजना और निगरानी सरकार द्वारा की जाती है लेकिन संचालन निजी क्षेत्र द्वारा किया जाता है।
एरिया लाइसेंसिंग स्कीम इलेक्ट्रॉनिक रोड प्राइसिंग के जरिए अंतर मूल्य निर्धारण (डिफरेंशियल प्राइसिंग) द्वारा विशिष्ट क्षेत्रों में विशिष्ट समय में वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित करती है।
शहर की जीआईएस आधारित एकीकृत परिवहन योजना बनाना।
सार्वजनिक परिवहन अवसंरचना का विकास और आवासीय/वाणिज्यिक क्षेत्रों तक आसान पहुंच।
प्रचालन में एमआरटीएस, एलआरटी और बस जैसे सार्वजनिक परिवहन साधनों का निर्बाध एकीकरण।
विभिन्न स्तरों पर सार्वजनिक परिवहन में निजी क्षेत्र की भूमिका की पहचान।
रूट प्लानिंग, नेटवर्क डिजाइनिंग आदि में जीआईएस का प्रभावी उपयोग।
9 सिंगापुर सिटी गैलरी की अधिगम यात्रा
श्री लिम स्वीकेंग, उप निदेशक (सलाहकार)
सेंटर फॉर लिवेबल सिटीज द्वारा
यूआरए सिटी गैलरी सिटी गैलरी विभिन्न अवधियों में विभिन्न चरणों में सिंगापुर शहरी नियोजन के विकास को प्रदर्शित करती है।
3डी मॉडल स्‍थान विन्यास, भवन की ऊंचाई, निर्मित वातावरण के स्थानिक वितरण को प्रदर्शित करता है।
गैलरी सिंगापुर नियोजन बिरादरी के बौद्धिक विचारों और कार्यवाहियों पर प्रकाश डालती है।
भारत के नियोजित शहर में प्राचीन से आधुनिक काल तक विभिन्न समय अवधि में शहरों के विकास, नियोजन प्रक्रिया को प्रदर्शित करने के लिए सिटी गैलरी होनी चाहिए।
ये गैलरी शहरों के नियोजन और प्रबंधन में शहर के निवासियों और पेशेवरों को 'शहर के गौरव' और अपनेपन की भावना देती हैं।
10 आवास, भवन और निर्माण
श्री  चियोन्ह ची क्यू सीएलसी विशेषज्ञ पैनल द्वारा
सार्वजनिक आवास के सुस्थिर वित्तपोषण और विकास आकांक्षाओं के प्रबंधन के लिए सिंगापुर के दृष्टिकोण और मार्गदर्शक सिद्धांतों को साझा करना
आवासीय नीतियों/कार्यक्रमों, परिवारों को सहायता करना, विविधता का प्रबंधन करना और समुदाय की भावना का निर्माण करने के सामाजिक लक्ष्यों को प्राप्त करना
भवन और निर्माण उत्कृष्टता की दिशा में सिंगापुर की यात्रा पर अंतर्दृष्टि प्राप्त करना, निर्माण क्षेत्र की उत्पादकता में सुधार करना
85% आबादी के पास एचडीबी घर हैं। एचडीबी वित्तीय संस्थान के रूप में कार्य करता है और संपत्ति निर्माण और रियल एस्टेट रखरखाव के लिए भी जिम्मेदार है।
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र से सार्वभौमिक रूप से एकत्र किया गया और सिंगापुर सरकार द्वारा संभाला गया सेंट्रल प्रोविडेंट फंड (सीपीएफ) आवास क्षेत्र के वित्तपोषण के लिए मुख्य संसाधन है।
एचडीबी की प्रभावी भूमिका किफायती आवास स्टॉक की आपूर्ति करना है।
आवास आवंटन में संजातीय एकीकरण नीति एक विशिष्ट उदाहरण है। विभिन्न समुदायों के जनसंख्या मिश्रण के माध्यम से सामाजिक एकीकरण प्राप्त किया जाता है और एक ही समुदाय के अलगाव/ संकेंद्रण की अनुमति नहीं है।
आवास वित्त के स्रोत के रूप में सीपीएफ का उपयोग किफायती आवास परियोजनाओं को तैयार करने के लिए किया जा सकता है।
इससे मालिकों में अपनेपन की भावना विकसित होगी और उद्योग के रूप में आवास को बढ़ावा मिलेगा।
11 भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास प्रारंभिक शहरी पुनर्विकास और वर्तमान भूमि प्रबंधन में एक सहायक के रूप में सिंगापुर की भूमि अधिग्रहण नीति। सरकार सार्वजनिक अवसंरचना और आवास विकास के लिए अनिवार्य भूमि अधिग्रहण करती है। मुआवजा सरकार द्वारा तय निर्धारित मूल्य के अनुसार दिया जाता है। मास्टर प्लान के कार्यान्वयन से होने वाले लाभों को मुआवजे के लिए शामिल नहीं किया जाता है।
भूमि बाजार, सामर्थ्य सूचकांक, सरकार का प्रस्‍ताव आदि को संतुलित करने के लिए पेशेवर मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा भूमि मूल्यांकन किया जाता है। 
सिंगापुर सरकार भूमि का अधिग्रहण करती है और एचडीबी, एलटीए और अन्य सरकारी एजेंसियों को संकल्पना/मास्टर प्लान के अनुसार विकास के लिए रियायती दरों पर देती है।
राजनीतिक हस्तक्षेप के बिना स्पष्ट सरकारी नीतियां के अनुसार भूमि अधिग्रहण और मुआवजा पैकेज। 
12 विरासत और संरक्षण
श्री माइकल कोहो 
सेंटर फॉर लिवेबल अध्‍येता, सिटीज द्वारा
ऐतिहासिक जिलों, अद्वितीय इमारतों आदि का संरक्षण और पुन: अनुकूली उपयोग के माध्यम से उनका एकीकरण। पुरानी निर्मित विरासत का संरक्षण और उन्हें भविष्य के लिए नई विरासत बनाना।
संभावित क्षेत्रों का संरक्षण करके संपत्ति के मूल्य का निर्माण और रहने के माहौल को बढ़ाना।
सरकार रचनात्मक योजनाएं, पहल और 'आउट ऑफ बॉक्स' समाधान लाती है ताकि निवासियों/उपयोगकर्ताओं को संरक्षण के लिए कार्रवाई शुरू करने के लिए प्रेरित किया जा सके।
पुरानी निर्मित विरासत का संरक्षण और उन्हें भविष्य के लिए नई विरासत बनाना।
संभावित क्षेत्रों का संरक्षण करके संपत्ति के मूल्य का निर्माण और रहने के माहौल को बढ़ाना।
सरकार रचनात्मक योजनाएं, पहल और 'आउट ऑफ बॉक्स' समाधान लाती है ताकि निवासियों/उपयोगकर्ताओं को संरक्षण के लिए कार्रवाई शुरू करने के लिए प्रेरित किया जा सके।
13 तोआ पायोह टाउन सेंटर तथा हाउसिंग एंड डेवलपमेंट बोर्ड (एचडीबी) शो-फ्लैट्स की अधिगम यात्रा
श्री वोंग काई येंग, सीएलसी विशेषज्ञ पैनल द्वारा
सिंगापुर के पहले एकीकृत न्यू टाउन, तोआ पायोह का निर्देशित दौरा (गाइडेड टूर)
नगर को एकीकृत नियोजन सिद्धांतों के आधार पर डिजाइन और नियोजित किया गया था, और इसमें सार्वजनिक और निजी आवास परिवहन इंटरचेंज, वाणिज्यिक केंद्र और सार्वजनिक सामाजिक सुविधाएं जैसे पुस्तकालय और स्कूल हैं।
सार्वजनिक आवास इकाइयों के विभिन्न प्रकारों को देखने के लिए एचडीबी शो-फ्लैट की यात्रा
एमआरटीएस और बस इंटरचेंज के माध्यम से तोआ पायोह न्‍यू टाउन तक आसान पहुंच।
अति उच्च घनत्व वाली आवासीय टाउनशिप। आवासीय उद्देश्यों के लिए 50 मंजिला इमारत तक का निर्माण किया गया था।
सघन (कॉम्पैक्ट) टाउनशिप बनाने के लिए एफएआर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था।
सेक्टर लेआउट में मनोरंजन, खरीदारी और संस्थागत गतिविधियों के क्षेत्र शामिल थे।
सेक्टर पैदल चलने वालों के अनुकूल, सुरक्षित और मिश्रित भू उपयोग वाले थे।
लघु और मझौले भारतीय शहरों में लागू ट्रांजिट कॉरिडोर के साथ आवासीय पॉकेट और अन्य उपयोगों का विकास।
14 पिनेकल की अधिगम यात्रा (निजी आवास) पिनेकल, डुक्सटन एक पुरस्कार विजेता 50-मंजिला आवासीय विकास है, जो बिजनेस डिस्‍ट्रि‍क्‍ट के बगल में है। टावर्स 26वीं और 50वीं मंजिल पर 500 मीटर लंबे स्काई गार्डन से जुड़े हुए हैं। हाई राइज निजी आवास के पुनर्विकास और पुन: घनीकरण द्वारा भूमि का इष्टतम उपयोग। 
पिनेकल हाउसिंग सोसाइटी में और उसके आसपास जीवन की उच्च गुणवत्ता और संपत्ति का मूल्य बनाना।
स्काई डेक और उद्यानों का उपयोग मनोरंजन के लिए और व्यावसायिक गतिविधियों/कार्यों के लिए भी किया जाता है।
आवासीय स्टॉक को बढ़ाने के लिए कॉम्पैक्ट हाउसिंग योजनाओं की योजना बनाई जानी चाहिए।
15 सुस्थिर पर्यावरण
श्री लोह आह तुआन, सीएलसी विशेषज्ञ पैनल द्वारा
सुस्थिर पर्यावरण के लिए सिंगापुर का दृष्टिकोण और मार्गदर्शक सिद्धांत
आर्थिक विकास और पर्यावरणीय सुस्थिरता दोनों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक व्‍यापारिक तालमेल (ट्रेड ऑफ) को पहचानना
पर्यावरणीय सुस्थिरता सुनिश्चित करने के लिए प्रणाली और प्रक्रिया के निर्माण के लिए प्रभावी नीतियां और निष्पादन कार्यनीतियां
सुस्थिर पर्यावरण बनाने के लिए जनता द्वारा समर्थित राजनीतिक इच्छाशक्ति।
लोग यह समझते हैं कि 'कूड़ा-करकट का कोई मूल्य नहीं है', यह  शहर को वस्तुतः बहुत साफ-सुथरा बनाता है
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली बहुत ही कुशल है। हर सार्वजनिक स्थान पर कूड़ेदान उपलब्ध हैं
ठोस कचरे को जला दिया जाता है और अवशेषों का उपयोग भूमि सजृन उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
वाहन ईंधन में यूरो-VI मानकों का प्रयोग होता है।
पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए जन जागरूकता पैदा करना।
सही भावना से योजनाओं का क्रियान्वयन
पहचान किए गए सफलता संकेतकों के अनुसार योजनाओं की नियमित निगरानी।
सार्वजनिक अवसंरचना जैसे उद्यान, पार्क, पैदल मार्ग आदि का निर्माण करना।
सृजित सार्वजनिक अवसंरचना का नियमित रखरखाव।
16 पानी
श्री याप खेंग गुआन सीएलसी विशेषज्ञ पैनल द्वारा
शासन की गतिशील प्रणाली और मजबूत नेतृत्व ने सिंगापुर को जल आत्मनिर्भरता हासिल करने में सक्षम बनाया
प्रतिस्पर्धी उद्देश्यों के बीच संघर्षों को हल करते हुए नीति निर्माताओं को विकास के उद्देश्यों को अनुकूलित और प्राथमिकता देने की अनुमति देने में एकीकृत योजना का महत्व।
पुन: उपयोग के लिए वर्षा जल और अपशिष्ट जल के संचयन और प्रबंधन की तकनीक
पीने योग्य पानी का उत्पादन करने के लिए न्यूवाटर और डी-सैलिनेटिंग समुद्री जल तकनीक।
जलग्रहण क्षेत्रों में जल निकासी में सुधार
भूजल का निषेधात्मक उपयोग
जल संरक्षण को एक अभ्यास बनाना चाहिए। पानी का इष्‍टतम पुन: उपयोग किया जाना चाहिए।
खुले और हरे भरे स्थानों, नालियों और जल निकायों में जलग्रहण क्षेत्र बनाकर वर्षा जल संचयन।
भूमिगत जल निकासी सीमित करना।
सभी जल निकायों को जीआईएस मैप, वर्गीकृत और संरक्षित किया जाना चाहिए।
अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग को इष्‍टतम किया जाना चाहिए।
सख्त दंडात्मक कार्रवाई के साथ नालों, तालाबों और अन्य जल निकायों पर अतिक्रमण को हटाया जाना चाहिए।
17 हरियाली और जैव विविधता संरक्षण
श्री चुआ हॉक सेंग, सह निदेशक, सेंटर फॉर अर्बन ग्रीनरी एंड इकोलॉजी (सीयूजीई) द्वारा
एक दीर्घकालिक मिशन के लिए सिंगापुर का दृष्टिकोण और मार्गदर्शक सिद्धांत जिसके लिए हरियाली और संरक्षण प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक, निजी और लोगों के क्षेत्रों को एक साथ काम करने की आवश्यकता है।
बदलते सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक परिदृश्य के साथ सरकार की दीर्घकालिक दृष्टि के विकास को सक्षम करने के लिए अनुकूली शासन का महत्व
विभिन्न एजेंसियों के एकीकृत नीति उद्देश्यों के लिए दृष्टिकोण और सामुदायिक भागीदारी और स्वामित्व को भी शामिल करना
सिंगापुर को गार्डन सिटी के बजाय 'बगीचे में शहर' होने पर गर्व है।
पार्कों और खुले स्थानों के लिए मास्टर प्लान।
पार्क कनेक्टर नेटवर्क
निगरानी और 'पेड़ जोखिम आकलन' और अन्य विश्लेषण करने के लिए प्रत्येक पेड़ को एक विशिष्ट पहचान संख्याऔर इसका जीआईएस स्थान प्रदान करना।
'ट्री बैंक' बनाना
रूफ टॉप गार्डन, स्काई टेरेस, वर्टिकल गार्डन आदि बनाने के लिए प्रोत्साहन और प्रेरणा देना।
ग्रीन्स को 'लैंडयूज मार्केटिंग स्ट्रैटेजी' के रूप में बढ़ावा देना
शहर के सौंदर्यीकरण के लिए गलियों के दृश्य, रिटेनिंग वॉल, सार्वजनिक अवसंरचना जैसे पुलों, बैराजों आदि के लिए स्थानीय फूलों के पौधों/झाड़ियों/पेड़ों का उपयोग करना।
केंद्रीय और राज्य वित्त पोषित पुनर्विकास योजनाओं और परियोजनाओं के माध्यम से भवन प्रकार, विरासत स्थलों, पुनर्विकास क्षेत्रों, प्राकृतिक नालियों/तालाबों/जल निकायों, शहरी गांवों आदि का संरक्षण
अतिरिक्त एफएआर आदि देकर हरित वातावरण/भवन बनाने के लिए लोगों को शामिल करना/प्रेरित करना।
सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से हरित क्षेत्रों सहित शहर की अवसंरचना की समग्र निगरानी,
क्षमता निर्माण - शहरी बुनियादी ढांचे का उपयोग करते हुए बच्चों को नागरिक जिम्मेदारियों के लिए स्कूलों में शिक्षित किया जाना।
शहरी वातावरण को हरा-भरा और सुंदर बनाने के लिए लैंडस्केप इंजीनियरों, वास्‍तुकारों, बागवानी विभागों जैसे पेशेवरों का उपयोग करना।
शहरों में ट्री बैंक, शहरी खेती, टैरेस गार्डनिंग, स्काई वॉक आदि को बढ़ावा देना।
18 अधिगम यात्रा:
मरीना बैराज
पीयूबी सिंगापुर की जल एजेंसी द्वारा
मरीना बैराज सिंगापुर में मरीना ईस्ट और मरीना साउथ के बीच मरीना चैनल पर पांच नदियों के संगम पर बना एक बांध है। 2008 में खोला गया, मरीना बैराज सिंगापुर का 15वां जलाशय है। बैराज न केवल भंडारण के लिए पानी प्रदान करता है, बाढ़ को नियंत्रित करता है, और समुद्र के पानी के साथ पीने योग्य पानी के मिश्रण की जांच करता है बल्कि मनोरंजन और शहर के दृश्य के लिए भी जगह प्रदान करता है।
बैराज में देखने वाली गैलरी न केवल तकनीकी विवरण के बारे में जानकारी देती है बल्कि लोगों को विभिन्न तकनीकों के माध्यम से पानी के संरक्षण के लिए शिक्षित करती है।
बैराज जैसे बड़ी अवसंरचना (मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर) के निर्माण में बड़ी जगह की खपत होती है इसलिए इसमें इंजीनियरी घटक से परे जाना चाहिए। इसे शहर में कुछ पहचान/सौंदर्य मूल्य जोड़ना चाहिए और लोगों को इसे बहुउद्देश्यीय स्थलों के रूप में उपयोग करने के लिए शिक्षित करना चाहिए।
इन स्थानों को वैकल्पिक रूप से अधिक कार्यों और गतिविधियों को जोड़कर सार्वजनिक मनोरंजन या राजस्व सृजन के लिए उपयोग किया जा सकता है।
ऐसी अवसंरचना परियोजनाओं की पहचान करने के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर एक व्यवहार्य अध्ययन किया जाना चाहिए, जिन्हें सार्वजनिक पहुंच और राजस्व सृजन के उद्देश्यों के लिए खोला जा सकता है।
19 एक शहर का वित्तपोषण
श्री दिलीप नायर
घाना में सिंगापुर के उच्चायुक्त
पूर्व प्रबंध निदेशक, डीबीएस
अवसंरचना विकास के वित्तपोषण में सिंगापुर द्वारा लगातार पालन किए जाने वाले व्यापक सिद्धांतों को समझना
वित्त पोषण सिद्धांतों का अनुप्रयोग और वे कैसे विकसित हुए हैं, तीन अलग-अलग क्षेत्रों - परिवहन, सार्वजनिक आवास और जल मूल्य निर्धारण से लिए गए उदाहरणों के माध्यम से चित्रित किया गया है।
सुस्थिर आर्थिक वातावरण का विकास
सार्वजनिक अवसंरचना निवेश में लागत वसूली
सार्वजनिक अवसंरचना का उपयोग करने के लिए उपयोगकर्ताओं/निवासियों द्वारा सह-भुगतान।
स्‍थान निर्माण तकनीक
भूमि गहनता
सरकार द्वारा प्रदान की गई अवसंरचना के लिए जनता से इष्टतम राजस्व संग्रह एक आवश्यकता है। यह उपयोगकर्ताओं के लिए स्वामित्व और जिम्मेदारी की भावना लाता है। इसके अलावा, यह गुणवत्ता नियंत्रण को भी मजबूत करता है और परियोजना के जीवन चक्र को बनाए रखता है।
सरकार को परियोजना लागत और नियमित वित्तीय निगरानी / अवसंरचना लेखापरीक्षा आदि के लिए स्थानिक योजना में अधिक वित्तीय नियोजकों / मूल्यांकनकर्ताओं आदि को प्रेरित करना चाहिए।
20 औद्योगिक अवसंरचना
श्री लिम चिन चोंग द्वारा
आर्थिक विकास के लिए सिंगापुर का दृष्टिकोण और मार्गदर्शक सिद्धांत
औद्योगीकरण, बदलती आर्थिक कार्यनीतियों और औद्योगिक अवसंरचना का समर्थन करना; औद्योगिक और भू उपयोग नीतियों के बीच मजबूत तालमेल की पहचान करना
सिंगापुर के आर्थिक और औद्योगिक अवसंरचना संस्थानों के बीच गतिशीलता
वर्तमान चुनौतियां और भविष्य की दिशाएं
सिंगापुर संकल्पना योजना के अनुसार अनुपालन करने वाले उद्योगों की पहचान करना
उद्योगों का स्थानिक स्थान
औद्योगिक सम्पदा विकसित करने के लिए विकास नियंत्रण।
औद्योगिक क्षेत्र को भूमि और आधारभूत संरचना प्रदान करने में सरकार की भूमिका और नीतियां।
प्रदूषण नियंत्रण मानदंड
अंतर्राज्यीय सीमाओं के पार संभावित स्थलों को जोड़कर पर्याप्त और विश्व स्तरीय अवसंरचना का विकास करके औद्योगिक गलियारे की डिजाइनिंग।
महत्वपूर्ण लिंक