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अमृत-सुधार

अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) – सुधार

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार ने 25 जून, 2015 को अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) शुरू किया है ताकि राष्ट्रीय प्राथमिकता वाली बुनियादी सेवाएं प्रदान की जा सकें अर्थात् परिवारों हेतु पानी की आपूर्ति, सीवरेज, शहरी परिवहन और शहरों में सुविधाओं का निर्माण जो सभी के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार करेगा, खासकर गरीबों और वंचितों के लिए।

मिशन में सुधार और क्षमता निर्माण का एक सेट भी शामिल किया गया है। मिशन 11 सुधारों के एक सेट को अधिदेश करता है जिसे सभी राज्यों और 500 मिशन शहरों द्वारा 4 वर्षों की अवधि के भीतर लागू किया जाना है।

सुधार कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में है और मिशन अवधि 2015-2020 में पूरा होने की उम्मीद है। जिन अमृत सुधारों को लागू किया जाना है उनसे  शहरों में बेहतर पर्यावरणीय परिस्थितियों के साथ पारदर्शिता, शासन और गुणवत्ता सेवा के वितरण में सुधार होगा। ये सुधार सुशासन, जवाबदेही, सेवा वितरण प्रणाली और बेहतर पर्यावरणीय परिस्थितियों के लिए भी जिम्मेदार हैं। इसमें व्यापक रूप से शामिल किया गया है- नगर शासन, वित्त, नगर सेवा वितरण, और पर्यावरण इत्यादि। अमृत बजट मिशन वक्तव्य/दिशानिर्देशों के अनुसार इन सुधारों को लागू करने वाले राज्यों के लिए बजट में प्रोत्साहन के रूप में 10% का प्रावधान निर्धारित किया गया है। अमृत मिशन वक्तव्य, 2015 के अनुसार 54 लक्ष्‍यों के 11 सेटों की सूची, जिन्हें राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा कार्यान्वित किया जाना है, निम्नानुसार है:

अमृत शहरों के लिए सुधार लक्ष्‍य और समयसीमा की सूची (अमृत दिशानिर्देशों, 2015 के अनुसार)

क्र.सं. प्रकार लक्ष्‍य कार्यान्‍वयन समयसीमा
1 ई-शासन डिजिटल यूएलबी
  • यूएलबी वेबसाइट का निर्माण।
  • 2.  ई-न्यूजलेटर का प्रकाशन। डिजिटल इंडिया पहल
  • 3.  डिजिटल इंडिया को सपोर्ट करें (डक्टिंग पीपीपी मोड पर या यूएलबी द्वारा ही की जाएगी)।

6 महीने

6 महीने

6 महीने

ई-एमएएएस के साथ कवरेज (सॉफ्टवेयर की मेजबानी की तारीख से)
  • जन्म, मृत्यु और विवाह का पंजीकरण,
  • जल और सीवरेज प्रभार,
  • शिकायत निवारण,
  • संपत्ति कर,
  • विज्ञापन कर,
  • लाइसेंस जारी करना,
  • भवन अनुमतियां,
  • नामांतरण,
  • वेतन रोल,
  • पेंशन,
24 महीने
  • ई-खरीद,
  • कार्मिक स्टाफ प्रबंधन और
  • परियोजना प्रबंधन।
36 महीने
2 नगरपालिका संवर्ग का गठन और व्यावसायीकरण
  • म्युनिसिपल काडर की स्थापना।
  • काडर लिंक्ड प्रशिक्षण।
  • यूएलबी में इंटर्न की नियुक्ति के लिए नीति और कार्यान्वयन ।
  • राज्य शहरी स्थानीय निकायों की जनसंख्या, आंतरिक संसाधनों के सृजन और वेतन पर व्यय के आधार पर नगरपालिका पदाधिकारियों की संख्या को सही आकार देने के लिए एक नीति तैयार करेगा।

24 महीने

24 महीने

12 महीने

36 महीने

3 दुहरी प्रविष्टि लेखा – पद्धति को बढ़ाना
  • दुहरी प्रविष्टि लेखा – पद्धति में पूर्ण स्‍थानांतरण और वर्ष 2012-13 के बाद से एक लेखापरीक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त करना।
  • आंतरिक लेखा परीक्षक की नियुक्ति।
  • वार्षिक वित्तीय विवरण का वेबसाइट पर प्रकाशन।

12  महीने

24  महीने

प्रत्‍येक वर्ष

4 शहरी नियोजन और शहर स्तर की योजनाएं
  • जीआईएस का उपयोग कर मास्टर प्लान तैयार करना।
  • सेवा स्तर सुधार योजना (एसएलआईपी), राज्य वार्षिक कार्य योजना (एसएएपी) तैयार करना।
  • शहरी विकास प्राधिकरणों की स्थापना करना।
  • 5 वर्षों में शहरों में ग्रीन कवर को उत्तरोत्तर 15% तक बढ़ाने के लिए कार्य योजना बनाना।
  • अमृत शहरों में प्रत्‍येक वर्ष कम से कम एक बाल उद्यान (चिल्ड्रन पार्क) विकसित करना।
  • लोग सार्वजनिक नि‍जी भागीदारी (पीपीपीपी) मॉडल पर निर्भर पार्कों, खेल के मैदानों और मनोरंजक क्षेत्रों के रखरखाव के लिए एक प्रणाली स्थापित करना।
  • राष्‍ट्रीय सुस्थिर पर्यावास मिशन (नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल हैबिटेट) में दिए गए मापदंडों को लागू करने के लिए राज्य स्तरीय नीति बनाना।

48 महीने

6 महीने

36 महीने 

6 महीने  

प्रत्‍येक वर्ष 

12 महीने 

24 महीने 

5 निधियों और कार्यों का हस्तांतरण
  • 14वें वित्त आयोग का शहरी स्थानीय निकायों को हस्तांतरण सुनिश्चित करना।
  • राज्य वित्त आयोग (एसएफसी) की नियुक्ति और निर्णय लेना।
  • समय सीमा के भीतर एसएफसी सिफारिशों का कार्यान्वयन।
  • सभी 18 कार्यों को यूएलबी को हस्तांतरित करना।

6 महीने

12 महीने

18 महीने

12 महीने

6 भवन उपनियमों की समीक्षा
  • भवन उपनियमों में समय-समय पर संशोधन।
  • राज्‍यों द्वारा 500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले सभी भवनों और सभी सार्वजनिक भवनों में सोलर रूफ टॉप लगाने के लिए नीति और कार्य योजना तैयार करना।
  • राज्‍यों द्वारा 300 वर्ग मीटर और उससे अधिक के भूखंडों पर सभी वाणिज्यिक, सार्वजनिक भवनों और नए भवनों में वर्षा जल संचयन संरचनाओं के लिए एक नीति और कार्य योजना तैयार करना।
  •  भवन निर्माण की अनुमति देने के लिए सभी स्वीकृतियों के लिए एकल खिड़की मंजूरी (सिंगल विंडो क्लीयरेंस) बनाना।

12 महीने

12–24 महीने

12–24 महीने

12 महीने

7 राज्य स्तर पर वित्तीय मध्यस्थ स्थापित करना
  • वित्तीय मध्यस्थ की स्थापना और संचालन करना- पूल वित्त, बाहरी निधियों तक पहुंच, नगरपालिका बांड जारी करना।
12-18 महीने
8(क) नगर निगम कर और शुल्क में सुधार
  • कम से कम 90% कवरेज,
  • कम से कम 90% वसूली,
  • समय-समय पर संपत्ति कर, शुल्क और अन्य शुल्क को संशोधित करने की नीति बनाना,
  • वेबसाइट पर कर विवरण की डिमांड कलेक्शन बुक (डीसीबी) डालना,
  • गतिशील मूल्य निर्धारण मॉड्यूल वाले गंतव्य विशिष्ट क्षमता के लिए नीति बनाकर विज्ञापन राजस्व की पूर्ण क्षमता प्राप्त करना।
12 महीने
8(ख) उपयोक्ता प्रभारों के उगाही और वसूली में सुधार
  • व्यक्तिगत और संस्थागत मूल्यांकन के लिए उपयोगकर्ता शुल्क पर एक नीति अपनाएं जिसमें पानी के उपयोग के लिए विभेदक दर प्रभारित की गई हो और कमजोर लोगों के हितों की देखभाल के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों को शामिल किया गया हो,
  • पानी के नुकसान को 20% से कम करने के लिए कार्य योजना बनाना और वेबसाइट पर प्रकाशित करना,
  • उपयोगकर्ता शुल्क के लिए अलग खाता,
  • कम से कम 90% बिलिंग
  • कम से कम 90% वूसली।
12 महीने
9 ऋण पात्रता-मूल्यांकन (क्रेडिट रेटिंग)
  • यूएलबी की क्रेडिट रेटिंग को पूरा करना
18 महीने
10 ऊर्जा और जल लेखा परीक्षा
  • ऊर्जा (स्ट्रीट लाइट) और जल लेखा परीक्षा (गैर-राजस्व जल या हानि लेखा परीक्षा सहित),
  • एसटीपी और डब्ल्यूटीपी को अधिक ऊर्जा कुशल बनाना,
  • ऊर्जा कुशल रोशनी का उपयोग करके और अक्षय ऊर्जा पर निर्भरता बढ़ाकर स्ट्रीट लाइट में इष्‍टतम ऊर्जा खपत करना,
  • हरित भवनों के लिए प्रोत्साहन देना (जैसे संपत्ति कर या भवन निर्माण अनुमति/विकास शुल्क से जुड़े शुल्क में छूट)

12 महीने

12 महीने

12 महीने

24 महीने

11 स्वच्छ भारत मिशन
  • खुले में शौच का उन्मूलन,
  • अपशिष्ट संग्रह (100%),
  • कचरे का परिवहन (100%),
  • वैज्ञानिक निपटान (100%)।
36 महीने
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