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राष्ट्रीय शहरी सूचना प्रणाली

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने 137 नगरों/शहरों के लिए जीआईएस डेटाबेस विकसित करने के लिए मार्च 2006 में राष्ट्रीय शहरी सूचना प्रणाली (एनयूआईएस) योजना शुरू की है। एनयूआईएस योजना में नगरों की संख्या 152 है। देश में दो पैमानों यानी 1:10,000 और 1:2000 में राज्य सरकार के अनुरोध और टीएसी द्वारा अनुमोदन पर शहरों को शामिल/जोड़ा/हटाया जाता है। स्थानिक डेटा के अलावा, इस योजना का एक अन्य घटक है अर्थात राष्ट्रीय शहरी डेटा बैंक और संकेतक (एनयूडीबीआई)। इस प्रकार तैयार किए गए स्थानिक और विशेषता (एट्रीब्‍यूट) डेटाबेस मास्टर प्‍लान/विकास योजनाओं, विस्तृत नगर नियोजन योजनाओं को तैयार करने के लिए उपयोगी होंगे और ई-सुशासन के लिए निर्णय लेने में सहायक के रूप में कार्य करेंगे। योजना का कुल परिव्यय 66.28 करोड़ रु. है, जिसमें से 75% केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा और 25% राज्‍य सरकार का मैचिंग शेयर होगा। स्थानिक डेटा का काम भारतीय सर्वेक्षण, देहरादून, एक राष्ट्रीय मानचित्रण एजेंसी द्वारा किया जाएगा। शहरी स्थानिक डेटा निर्माण के लिए 13 मार्च 2006 को आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय और राष्ट्रीय मानचित्रण एजेंसी के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

एनयूआईएस योजना दिशानिर्देश: नगर एवं ग्राम नियोजन संगठन, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने एनयूआईएस योजना के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं।

एनयूआईएस योजना और डिजाइन मानक: एनयूआईएस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने 12 जून, 2002 को एनयूआईएस मानक समिति (एनएससी) का गठन किया है। एनयूआईएस डिजाइन और मानकों के संलेखन समूह ने एक मसौदा रिपोर्ट तैयार की है, जो राष्ट्रीय एनयूआईएस मानकों के रूप में अपनाए जाने वाले 1:10,000/1:2,000/1:1,000 पैमाने, डिजाइन मानक ढांचे, यूएसआईएस, एनयूडीबी और आई तथा एनयूओ डेटा तत्वों पर सामग्री की रूपरेखा तैयार करती है। मानक योजना और प्रबंधन के विभिन्न स्तरों को संबोधित करते हैं और एक व्यापक दस्तावेज को अंतिम रूप दिया गया है, जिसे 3 मई 2006 को एनएनआरएमएस-स्थायी समिति-शहरी की तकनीकी समन्वय समिति (टीसीसी) द्वारा अनुमोदित किया गया है।

एनयूआईएस योजना का रोड मैप: नगर एवं ग्राम नियोजन संगठन, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने योजना के उचित कार्यान्वयन के लिए तैयार किया है। रोड मैप में एनयूआईएस योजना के घटक चरणवार प्रमुख गतिविधियां, हितधारक, फंड प्रबंधन कार्यक्रम और एनयूआईएस योजना के कार्यान्वयन के लिए लक्ष्‍य शामिल हैं।

क्षमता निर्माण एनयूआईएस योजना के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। सुदूर संवेदन और भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) के क्षेत्रों में शहरी प्रबंधकों और फील्ड स्टाफ को प्रशिक्षित करने के लिए लगभग 30 प्रशिक्षण कार्यक्रम, विभिन्न स्तरों पर प्रत्येक कार्यक्रम में 20 प्रतिभागियों को दो साल की अवधि में आयोजित किया जाना है। इसे प्राप्त करने के लिए, एनयूआईएस दिशानिर्देशों के अनुसार, क्षमता निर्माण को विकेन्द्रीकृत किया गया है और आईआईआरएस देहरादून, एनआरएसए हैदराबाद, एसटीआई (एसओआई) हैदराबाद, एसएसी, अहमदाबाद, आईआरएस-एयू, चेन्नई और आरआरएसएससी जैसे प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान हैं, जिनकी शहरी नियोजन और प्रबंधन में सुदूर संवेदन और जीआईएस एप्लीकेशन के क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने वालों की पहचान की गई है। राज्य नोडल एजेंसियों को निर्धारित नामांकन प्रपत्र में टीसीपीओ/एमओएचएंडयूए द्वारा आयोजित क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के लिए कर्मियों की पहचान और नामांकन करना है।

सभी तकनीकी और प्रचालन मुद्दों को हल करने, गतिविधियों के लिए अंतिम समय सीमा निर्धारण करने, मानचित्रण के क्षेत्र, डेटा अधिग्रहण से संबंधित मुद्दों का समाधान करने, जीआईएस डेटाबेस के निर्माणक करने, 1:10,000 और 1:2000 स्केल पर स्थानिक डेटाबेस का एकीकरण करने, एनयूडीबी एंड आई से संबंधित मुद्दों के देखने, उपयोगिताओं के मानचित्रण की निगरानी करने, आवश्यक गुणवत्ता जांच के माध्यम से डेटा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने, एप्‍लीकेशन विकास के लिए कार्यप्रणाली का सुझाव देने, वास्तविक समय नमूना डेटाबेस विकसित करने और राज्य एजेंसियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए टीएसी ने निगरानी और कार्यान्वयन समूह का गठन किया है। निगरानी और कार्यान्वयन समूह नियमित रूप से बैठक कर रहा है और योजना की गतिविधियों और कार्यान्वयन के लिए समय-सीमा को अंतिम रूप दे रहा है।

सभी डिलिवरेबल्स राज्य नोडल एजेंसियों को वितरित किए गए हैं।

योजना 31 मार्च 2016 को सफलतापूर्वक पूर्ण हुई।

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