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लघु और मझौले नगरों के लिए शहरी अवसंरचना विकास योजना

लघु और मझौले नगरों के लिए शहरी अवसंरचना विकास योजना (यूआईडीएसएसएमटी) मिशन 5 दिसंबर, 2005 को शुरू किया गया, बाद में इस योजना को चल रही परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अवस्‍थांतरण (ट्रांजिशनल) चरण के रूप में अगले 2 वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया। जून 2015 में इस योजना को अमृत में शामिल कर लिया गया। जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) का उप मिशन 7 वर्ष की मिशन अवधि के लिए 31 मार्च, 2012 तक था।

मिशन अवधि के मुख्य चरण के दौरान 801 परियोजनाओं और अवस्‍थांतर (ट्रांजिशन) चरण में 235 परियोजनाओं सहित कुल 1036 परियोजनाओं को अनुमोदित किया गया और 801 परियोजनाओं के लिए 10041.36 करोड़ रु. तथा 235 परियोजनाओं के लिए 3692.45 करोड़ रु. का एसीए जारी किया गया था। अमृत निधि से 31 चल रही यूआईडीएसएसएमटी परियोजनाओं को सहायता प्रदान की गई और 2017-18 में 437.52 करोड़ रु. का एसीए जारी किया गया था। 1036 परियोजनाओं के लिए 14,171.33 करोड़ रुपये की कुल संचयी अतिरिक्त केंद्रीय सहायता जारी की गई। कुल 466 परियोजनाएं वास्‍तविक रूप से पूरी हो चुकी हैं, जिसमें 297 जल आपूर्ति, 18 सीवरेज, 33 वर्षा जल नालियां, 18 ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, 7 शहरी नवीकरण,  8 जल निकाय का संरक्षण, 83 सड़कें और एक-एक पार्किंग और मिट्टी के कटाव की रोकथाम शामिल हैं।

इस योजना के उद्देश्य निम्नानुसार थे :

  • नगरों और शहरों में ढांचागत सुविधाओं में सुधार
  • राज्य और यूएलबी स्तर पर शहरी क्षेत्र में सुधार
  • अवसंरचनात्मक विकास में सार्वजनिक-निजी-भागीदारी को बढ़ाना
  • नगरों/शहरों के नियोजित एकीकृत विकास को बढ़ावा देना।
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