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पर्यावरण नियोजन

पर्यावरण नियोजन प्रभाग (ईपीडी) नगर एवं ग्राम नियोजन संगठन (टीसीपीओ) के महत्वपूर्ण प्रभागों में से एक है और सभी शहरी पर्यावरण नियोजन और प्रबंधन मुद्दों और नीतियों में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) को सहायता प्रदान करना इसका प्रमुख कार्य है। ईपीडी एक सुस्थिर हरित समुदाय बनाने के लिए स्मार्ट, समावेशी, सुस्थिर समाधान प्राप्त करने के लिए एक समग्र और एकीकृत ढांचा प्रदान करता है। पर्यावरण नियोजन प्रभाग पर्यावरण कार्यक्रमों, परियोजनाओं, सम्मेलनों, संगोष्ठियों, क्षमता निर्माण तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी), केंद्र और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों, राष्‍ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी), जल संसाधन मंत्रालय (एमओडब्‍ल्‍युआर) और अन्य समान एजेंसियों  के साथ प्रदूषण नियंत्रण में भाग लेता है और परस्‍पर बातचीत भी करता है।

ईपीडी कई पर्यावरण विकास परियोजनाओं, दिशानिर्देशों के लिए अग्रणी रहा है। इसका एक अच्छा उदाहरण भारत में तटीय क्षेत्र प्रबंधन है। टीसीपीओ ने भारत में तटीय क्षेत्र प्रबंधन योजना पर एक व्यापक रिपोर्ट बनाई। 7 फरवरी, 1991 को पर्यावरण और वन मंत्रालय ने पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 3(1) और धारा 3(2)(वी) तथा पर्यावरण (संरक्षण) नियम, 1986 के नियम 5(3)(डी) के अंतर्गत एक अधिसूचना के माध्यम से तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) के रूप में तटीय पट्टियों और सीआरजेड में गतिविधियों को विनियमित करने को घोषित किया है। पर्यावरण और वन मंत्रालय ने बाद में सितंबर 1996 में इन सीजेडएमपी को मंजूरी दी।

पर्यावरण नियोजन प्रभाग (ईपीडी) का नेतृत्व नगर एवं ग्राम नियोजक (टीसीपी) करता है और एक सह नगर एवं गाम नियोजक द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।

विभिन्न पर्यावरण प्रबंधन समिति में सदस्य :

  • आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) नई दिल्ली द्वारा सुनवाई पर जवाबदेह।
  • बनारस के घाटों के संरक्षण और बहाली, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल संसाधन मंत्रालय के संबंध में कौटिल्य सोसायटी द्वारा दायर जनहित याचिका में माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति के सदस्य।
  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा गठित पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र (ईको सेंसिटिव ज़ोन - ईएसजेड) विशेषज्ञ समिति के सदस्य।
  • "प्लास्टिक प्रदूषण को हटाओ" (पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय) पर आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा गठित समिति के सदस्य।

हाथ में प्रमुख परियोजनाएं :

  • भारत के शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए ईपीडी द्वारा ''दिल्ली में वाहन प्रदूषण के उपशमन के लिए स्मार्ट शहरी हरित समुदाय (एसयूजीसी)" पर एक पायलट परियोजना शुरू की गई है। 
  • शहरी क्षेत्रों के लिए जलवायु परिवर्तन परियोजना पर ईपीडी ने "नगर नियोजन उपायों के माध्यम से शहरी उष्ण द्वीप प्रभाव से मुकाबला" पर परियोजना शुरू की है।
  • नया राजधानी शहर अमरावती, आंध्र प्रदेश के विकास के कारण पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में पंडालनेनी श्रीमन्नारायण बनाम आंध्र प्रदेश राज्य सरकार और अन्य के मामले में केस ओ.ए. सं. 2015 का 171 तथा एम.ए. पर माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) नई दिल्ली द्वारा सुनवाई पर आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से जवाबदेह।
  • गंगा नदी पर वाराणसी घाटों का पुनर्विकास पर डीपीआर का मूल्यांकन किया गया और बनारस के घाटों के संरक्षण और बहाली, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल संसाधन मंत्रालय के संबंध में कौटिल्य सोसायटी द्वारा दायर जनहित याचिका में माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति को टिप्‍पणियां प्रस्‍तुत की गईं।
  • “प्लास्टिक प्रदूषण को हटाने” के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के निदेशन में संगठनात्मक स्तर पर ईपीडी विभिन्न गतिविधियाँ / पहल कर रहा है।
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